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I am a Doctor- A poem by a type-1 diabetic

I am a Doctor- A poem by a type-1 diabetic

Dated : 06 Sep 2020

एक डॉक्टर हूँ मैं .....


 

एक डॉक्टर हूँ मैं ,

भगवान ना कहना मुझे ,

रोगियों के जीवन का -

 साहारा हूँ मैं 

एक डॉक्टर हूँ मैं  

 

जात-धर्म  पूछे बिना

उपचार करना धर्म है मेरा ,

स्वस्थ रहे यह संसार हमारा

यही सुबह का सुमिरन मेरा 

एक डॉक्टर हूँ मैं   

 

आदि काल से निभाता आ रहा

 निस्वार्थ सेवा का धर्म मैं अपना ,

देश समाज की सेवा में मैं

कभी - कभी कर लेता हूँ -  

स्वास्थ्य क्षीण मैं अपना 

एक डॉक्टर हूँ मैं   

 

शत्रु , मित्र, ऊंच, नीच

सबके दुखों का मैं हरनकारी,

खाँसी, जुखाम, सर्दी, बुखार,

हर स्थिति में मैं कल्याणकारी 

 एक डॉक्टर हूँ मैं   

 

कभी आधी रात ,एक फोन से आई पुकार पर

मैं नींद त्यागकर जाता हूँ ,

कभी किसी अनजाने की खातिर मैं

पूरी रात जागता हूँ  

हाँ , एक डॉक्टर हूँ मैं  

 

तुम्हारी मौत से लड़कर भी मैं ,  

भगवान की उपाधि नहीं चाहता हूँ

इस सेवा के पथ पर चलकर मैं ,

सम्मान पाना चाहता हूँ 

एक डॉक्टर हूँ मैं 

  

भगवान राम के काल से –

सुषेण से लेकर

मानव काल के चरक सुश्रुर्त तक

 निस्पक्ष सेवा करता आया हूँ  ,

अब इस कोरोना की लड़ाई में 

मैं हर दुखी को सुखी करने आया हूँ

एक डॉक्टर हूँ मैं ,

हाँ , एक डॉक्टर हूँ मैं ….

 

 

 

-दिव्यांश

(T1D for 7 years)